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भद्रराज{भद्राज} - भद्राज ट्रैकिंग मार्ग, बलराम जी का मंदिर, लोकमान्यता, भद्राज मेला(16-17 अगस्त)

भद्रराज मंदिर
भगवान बाल भद्र को समर्पित, (बलराम) - भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई।
ऊंचाई
समुद्र तल से 7,500 फीट या 2450 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, इस मंदिर से बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों का विहंगम दृश्य दिखाई देता है।
निकटतम मार्ग
लाइब्रेरी बस स्टैंड, मसूरी से 18.5 किमी की दूरी पर।


बलराम जी का मंदिर

पुराणों के अनुसार भद्राज भगवान कृष्ण के बडे भाई बलराम को कहा जाता है जिनकी पूजा अर्चना इस मंदिर में सैकडों सालों से होती आ रही है।

लोकमान्यता

लोकमान्यताओं के अनुसार सतयुग में भगवान बलराम यहां साधू के भेष में आये थे। उस समय यहां लोगों के पशुओं को गंम्भीर बीमारी के कारण काफी नुकसान हो गया था तब यहां के लोग साधु बाबा के पास गये जिसके बाद सारे पशु ठीक हो गये। कुछ समय बाद जब साधु बाबा यहां से केदार खण्ड में जाने लगें तो यहां के लोगों ने उनसे यहां से न जाने की विनती की, फिर बाबा मान गये और इसी स्थान पर रहने का निर्णय लिया। तब साधु बाबा ने उसी समय कह दिया था कि कलयुग में मेरी पूजा भद्राज के नाम से मूर्ति के रूप से होगी।
भगवान भद्राज मंदिर में लगने वाले भोगों में दूध, दही, मक्खन, आटे का रोट आदि प्रमुख है। इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तों को स्वच्छ तन और मन से आना चाहिए। मंदिर में सभी प्रकार के मादक पदार्थ व मांस, मछली पूर्ण तरह से वर्जित है।

भद्राज मेला(16-17 अगस्त)

प्रति वर्ष मई माह की संक्राति और 16 या 17 अगस्त को लगने वाले मेले को अब भद्राज मेंले के नाम से जाना जाता है।जहां लोग दूर दराज के क्षेत्रों और देश व विदेशो से भी आतें है।

भद्राज ट्रैकिंग मार्ग

1. लाइब्रेरी एंड - दुधली (7 किमी / 3-4 घंटे) मसूरी में लाइब्रेरी एंड से ट्रेक की शुरुवात होती है, लाइब्रेरी एंड से लगभग 5.5 किमी की दूरी तय करते हुए क्लाउड एंड तक ट्रैकिंग मार्ग है, लाइब्रेरी एंड से रास्ता विक्टोरियन शैली की खूबसूरत इमारतों से होकर जाता है।  क्लाउड्स एंड पर पहुंचने के बाद आप दुधली की ओर बढ़ेंगे जिसे द मिल्कमैन विलेज के नाम से भी जाना जाता है। दुधली गांव मसूरी शहर को दूध उपलब्ध करवाती है, इस कारण इसका नाम द मिल्कमैन विलेज भी पड़ा। दुधली से प्राकृतिक दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला है। आप दुधिल में कैंपिंग कर सकते हैं और अगली सुबह भद्रराज मंदिर की ओर अपनी यात्रा की शुरूवात कर सकते हैं।

दूसरा दिन: दुधिल - भद्रराज मंदिर - बादलों का अंत (Clouds End) - (16km) दुधिल से सुबह की ट्रेकिंग आपको भद्रराज मंदिर तक पहुँचने में लगभग 3 घंटे का समय लेगी। इसकी तीखी चढ़ाई वाला रास्ता थोड़ा थका देने वाला है। आप उसी दिन क्लाउड्स एंड के लिए निकल सकते हैं। 




2. दूसरा ट्रैकिंग मार्ग

भद्राज मंदिर पहुचंने के लिए दूधली मार्ग से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तय करनी पडती है।
यह दूरी मोटर साइकिल, कार या पैदल भी तय की जा सकती है। विकासनगर से कटापत्थर - हथ्यारी - मटोगी 11 किलोमीटर गाडी से जाया जा सकता है या आप सहसपुर से लांधा और मटोगी तक भी गाड़ी में जा सकते हैं।
इसके बाद मटोगी से लगभग 4 किलोमीटर पैदल ट्रैकिंग मार्ग है।

3. तीसरा ट्रैकिंग मार्ग

कोटि गांव से 7.5 km - यह मार्ग सबसे जटिल वा ट्रैकिंग के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण माना जाता है, यह एकदम खड़ी चढ़ाई वाला मार्ग है, जो की कोटि गांव से शुरू होता है, पूरे मार्ग में पानी कही पर भी उपलब्ध नहीं है।