बर्फ़बारी से माल्टे और पहाड़ी नारंगी को भी आस
निम्न हिमालयी क्षेत्रों में मौसम परिवर्तन के चलते कही जगहों से खत्म होने के कगार पर पहुंची माल्टे और पहाड़ी नारंगी के पेड़ों को भी इस बार उच्च हिमालय क्षेत्र में भारी बर्फ़बारी से संजीवनी मिलने की आस है,गर्मियों के दिनों में जब तापमान अधिक रहता तब माल्टे और पहाड़ी नारंगी में फुल आने शुरू होते हैं पर पिछले कुछ सालों से लगातार बड रहे तापमान के कारण इन पेड़ों में फुल तो क्या पत्ते तक सूखने लगे थे,इस बार उम्मीद जताई जा रही है की गर्मियों में भी नमीं की मात्रा इतनी रहेगी जिससे ये पेड हरेभरे रह सकें,ज्यादातर निम्न हिमालय क्षेत्रों में उगने वाले ये पेड अधिक गर्म मौसम नहीं झेल सकते हैं इनकी जड़ें गहराई में ना जा कर आसपास की जमीन में फैलती हैं जिससे हमेंशा इन्हें गर्मियों के दिनों में सूखने का खतरा बना रहता है,अगर इन्हें समय में पानी ना मिले तो पत्ते फिले पडने लगते हैं जिससे जब फुल आते हैं तो वे उस तरह से खील नहीं पाते हैं और नवंबर दिसम्बर में लगने वाली इसकी फसल उस गुणवत्ता की नहीं होतीं है इससे फल का आकार भी छोटा होता है और फल भी कम मात्रा में आते हैं,पर पिछले बाईस दिनों से पड रही बर्फ से इन्हें भी फायदे की उम्मीद जताई जा रही है,आमतौर पर गर्मियों के दिनों में बारह से बीस डिग्री तापमान इनके लिए सबसे उपयुक्त रहता है,अगर तापमान 25 डिग्री से अधिक हो जाए तो इनके पत्तों से हरापन गायब होने लगता है।